मध्यप्रदेश में सबसे पहले जबलपुर शहर में ही कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए थे

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जबलपुर शहर और समूचे प्रदेश के लिये यह अच्छी खबर है । यहाँ 20 मार्च को कोरोना पॉजिटिव पाये गये चार मरीजों वमें से तीन को आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज कर दिया गया है। 
           मध्यप्रदेश में सबसे पहले जबलपुर शहर में ही कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए थे इनमें से एक युवक उपनिषद शर्मा  स्विट्जरलैंड से लौटा था। उसने खुद जागरूकता दिखाते हुए लक्षण दिखने पर विक्टोरिया अस्पताल पहुँचकर अपना टेस्ट कराया । टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव पाये जाने पर उसे पन्द्रह दिनों के लिये उपचार हेतु मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड भेज दिया गया आइसोलेशन की अवधि पूरी होने पर कराये गये टेस्ट की निगेटिव मिलने पर आज उपनिषद को डिस्चार्ज कर दिया गया । 
           उपनिषद ने मेडिकल कॉलेज से छुट्टी होने पर कहा कि लोगों को कोरोना के वायरस से डरने की जरूरत नहीं है  जागरूक और सतर्क रहकर इससे बचा जा सकता है उपनिषद ने कहा कि लोग जागरूक रहेंगे और शासन- प्रशासन के नियम-निर्देशों का सख्ती से पालन करेंगे तो कोरोना को भारत से जाना ही होगा । 
          उपनिषद ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर वो घबराया नहीं । उसे विश्वास था कि वो इस बीमारी से जीत के ही रहेगा । उसने नकारात्मकता को भी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया । उसे डॉक्टरों का और नर्सिंग स्टॉफ का भी भरपूर सहयोग मिला । ईलाज के दौरान डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ के व्यवहार ने इस जंग को जीतने के उसके आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम किया ।
          उपनिषद ने कहा कि भारत मे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने जिस तेजी से कदम उठाये गये इसके ठीक विपरीत स्विट्ज़रलैंड में उतनी सक्रियता नहीं दिखाई जा रही थी । इस वजह से उसके स्वास्थ को लेकर परिवारजन चिंतित थे और यही वजह थी कि उसे पढ़ाई छोड़कर वापस आना पड़ा ।  उपनिषद ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के प्रयासों और लोगों को जागरूक बनाने में शासन-प्रशासन का सहयोग करने की इच्छा भी व्यक्त की है ।